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जब धरती पर आये भगवान(व्यंग्य) के अब तक प्रकाशित चार भागो में आपने देखा की भगवान विष्णु और नारद मुनि धरती पर हो रही सामाजिक और राजनितिक हालत देखकर विचलित नजर आते है.इन दोनों में नारद मुनि ज्यादा परेशान हो जाते है.वे भगवान विष्णु से कहते है प्रभु इस धरती पर अराजकता बढती जा रही है.हर कोई एक दुसरे को धोखा दे रहे है.सच बोलना तो इन धरतीवासियो ने लगभग छोड़ ही दिया है.ये देखकर ऐसा लगता है की ये दुनिया झूठ के सहारे ही चल रही है.यह सुनकर भगवान विष्णु कहते है की मुनिवर ये कलयुग है और जो झूठ के सहारे जीता है उसके झूठ की उम्र ज्यादा बड़ी नहीं होती.फिर भी अगर आप चाहते है की ये धरतीवासी झूठ बोलना छोड़ दे तो आज से ऐसा ही होगा,तथास्तु..ये सुनकर खुश हुए नारद मुनि कहते है”प्रभु आपकी लीला अपरम्पार है.” इसके बाद तो धरतीलोक का नजारा ही बदल जाता है.एक घर में आपस में बात कर रहे पति-पत्नी में अक्सर एक दुसरे की तारीफों का दौर चलता था.लेकिन अचानक ही पति अपनी पत्नी से कहता है की तुम कितनी मोटी और भद्दी लगने लगी हो.खाना खाते समय थाली उठाकर फेंक देता है और कहता है की तुमने खाना बनाना भी नहीं सिखा.अचानक घर पर आये सास ससुर को देखकर वो अपनी पत्नी से कहता है”तुम्हारे माँ-बाप को दूसरा कोई काम धंदा नहीं है क्या?जब देखो बेटी के ससुराल में टपक जाते है.यह सुनकर पत्नी भी भड़क जाती है और कहती है की तुम कौन से सलमान खान लगते हो,आईने में सूरत तो देखो कादर खान से कम नहीं हो.कल तक मुझे करीना कपूर कहा करते थे आज मै मोटी और भद्दी लगने लगी हु.मेरा बनाये खाने के तारीफों के पुल बांधते थे.मेरे माता पिता को देखकर कहते थे की तुम्हारे माबाप कितना ख्याल रखते है की हमें देखने आ जाते है.अब क्या हो गया जो तुम्हे सब बदला नजर आने लगा.पति कहता है की इस शादी को निभाने के लिए ही झूठ बोलना पड़ रहा था,लेकिन अब मै जो बोल रहा हु ,वही सच्चाई है.यह सुन पत्नी कहती है अगर यही सच्चाई है तो मेरा भी सच सुन लो तुम जो इमानदारी के दावे करते हो वो कितने खोखले है ये मै भी जानती हु,लेकिन झूठी तारीफों से तुम खुश होते हो.इसलिए हमेशा तुम्हारी तारीफ की.नहीं रहना तुम्हारे साथ.पति भी यही डायलाग बोलता है.
अचानक ही अदालतों में तलाक के मामले बढ़ जाते है.भगवान के आशीर्वाद के प्रभाव से वकील भी सच बोलने लगे है.फटाफट तलाक होने शुरू हो जाते है.सभी मामले जल्दी ख़त्म हो जाने से वकीलों की कमी भी कम हो जाती है.वे परेशान हो जाते है की आखिर उन्हें क्या हो गया की ना चाहते हुए भी सच बोलने लगे है.इस आदत से तंग आकर वे अदालत जाना बंद कर देते है.एक आमसभा में नेता भाषण देते हुए बोल रहा है की आप लोग मुझे वोट दो,ये आप लोगो की मज़बूरी है.पिछली बार धोखा खा चुके आप लोगो को इस बार मुझे चुनना ही होगा.वोट के लिए मै जो नोट बांटता हु,उसके लिए तो हमेशा चुनावों का इंतजार करते हो.मेरा जो चुनाव में खर्चा होता है,उसे अगले पांच सालो में निकालना ही होगा.यह सुनकर कुछ लोग तो नेताजी को गालिया देते हुए निकल जाते है तो कुछ उनके सहायक के पास जाकर कहते है की नेताजी को बोलिए की इस बार रेट बढाकर पैसा दे.आपलोग तो जानते ही हो की महंगाई कितनी बढ़ गई है.सरकारी कार्यालयों में लोग पैसा देने के बजाय अधिकारियो को काम कराये बिना ही लौटने लगे है.यह देखकर परेशान अधिकारियो ने ऑफिस आना ही छोड़ दिया है.हर तरफ लोग एक दुसरे के खिलाफ साफ़ साफ़ सच बोलने से झगडे बढ़ गए है.मंदिरों में लोग पुजारियों को बाते सुनाने लगे है की वे झूठ बोलकर उन्हें ठग रहे है.इससे नाराज पुजारियों ने भगवान की पूजापाठ करना छोड़ दिया है.हर तरफ हाहाकार मच जाता है.घूमते घूमते नारद मुनि जब ये नजारा देखते है तो और विचलित होकर दौड़े दौड़े भगवान विष्णु के पास पहुँच जाते है और कहते है प्रभु ये क्या हो रहा है.धरतीवासी जब से सच बोलने लगे है कलयुग में हाहाकार मच गया है.हर कोई सच बोलने की कीमत चूका रहा है.यहाँ तक की इसके चक्कर में आपकी पूजा भी बंद हो गई है.आपके सच बोलने के वरदान को वापस लेने में ही धरती की भलाई है.ये सुनकर नारदमुनी कहते है की मुनिवर मै तो आपको इस कलयुग की हकीकत को दिखाना चाह रहा था.इसलिए आपकी बात मान ली.मगर ये भी सच है की जो जितना सच से दूर भागेगा सच्चाई भी उसके उतने ही करीब जाएगी.झूठ बोलनेवालो को उसकी करनियो का फल तो भुगतना ही होगा.यह सुन मुनिवर कहते है’सच कहा प्रभु की कलयुग की इस दुनिया में आजकल सच बोलना पाप ही है.”
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