- 44 Posts
- 110 Comments
तिरुपति बालाजी का नाम तो हर कोई जानता है लेकिन क्या आपने वीजा बालाजी का नाम सुना है,अगर नहीं तो चलिए आन्ध्र प्रदेश के रंगा रेड्डी जिले में स्थित चिल्कुर बालाजी मंदिर जिन्हें वीजा बालाजी के नाम से ही ज्यादा जाना जाता है.अगर आपको विदेश जाना है और वीजा नहीं मिल रहा है तो एक बार वीजा बालाजी की ११ प्रदक्षिणा कीजिये आपकी ये मन्नत जरुर पूरी हो जाएगी.लेकिन वीजा मिलने के बाद आपको बालाजी की १०८ बार प्रदक्षिणा करनी पड़ेगी.यही मान्यता है वीजा बालाजी की,.जहा आनेवाले छात्र अपनी पढाई होने के बाद विदेश जाने के लिए ऑफिसों के चक्कर लगाने के बजाय वीजा बालाजी के प्रदक्षिणा लगाने में ज्यादा यकीन रखते है.और उन्हें वीजा मिलता भी है.इसी वजह से यहाँ आनेवाले भक्तो की भीड़ दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रही है
.इन वीजा बालाजी का इतिहास ४०० साल से भी ज्यादा प्राचीन है.और ये तिरुपति बालाजी के ही दुसरे रूप माने जाते है.इस बारे में जो कहानी प्रचलित है उसके अनुसार बालाजी के एक परम भक्त हर साल तिरुपति जाया करते थे,लेकिन एक बार जब वे इस यात्रा पर निकले तब चिल्कुर के पास ही थककर बैठ गए,उनकी परेशानी भगवान् से देखी नहीं गयी और स्वप्न में आकर उन्होंने अपने भक्त को बताया की उसे उतनी दूर आने की जरुरत नहीं है वे खुद ही चिल्कुर की पहाड़ी में विराजमान है.जागने के बाद भक्त ने स्थानियों से ये बात कही और फिर उस पहाड़ी से भगवान् बालाजी की प्रतिमा लाकर यहाँ स्थापित की गई.धीरे धीरे चिल्कुर बालाजी की ख्याति बढती गई.
चिल्कुर बालाजी के मुख्य पुजारी सौन्दर्य राजन कहते है की सिर्फ वीजा ही नहीं यहाँ आनेवाले सभी भक्तो की हर मुराद पूरी होती है वीजा बालाजी के दर्शन के लिए सिर्फ आंध्र से ही नहीं पडोसी राज्य कर्णाटक,तमिलनाडु,महाराष्ट्र के अलावा विदेशो से भी भक्तो का आना लगा रहता है.अपनी पढाई के बाद विदेश जाने की चाह रखनेवाले छात्रों की भीड़ यहाँ विशेष रूप से देखी जाती है. यहाँ आनेवाले भक्तो का मानना है की उन्होंने ११ प्रदक्षिणा करने के बाद यहाँ अपनी मन्नत मांगी और वो पूरी होने के बाद आकर १०८ प्रदक्षिणा की. अपनी मन्नत पूरी होने के बाद यहाँ आनेवाले भक्त अपने दोस्तों रिश्तेदारों से यही कहते है की अगर वीजा चाहिए या अपनी इच्छा पूरी करनी है तो चलिए वीजा बालाजी के द्वार.
Read Comments