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जब धरती पर आये भगवान्………(भाग-१).

हम हिन्दुस्तानी
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स्वर्गलोक में नागशैया पर विराजमान भगवान् विष्णु से मिलने नारद जी पहुंचे और पूछा भगवन जब जब धरती पर कोई पाप बढ़ा है और मानव जाती पर कोई विपदा आई है तब तब आपने अवतार लेकर उनका उद्धार किया है,लेकिन इस बार आपने बहोत ही देर लगा दी धरती पर अवतार लेने में ? यह सुनकर विष्णु जी बोले हे मुनिवर ऐसी क्या विपदा आन पड़ी है की आप इतनी चिंता में डूब गए हो और मुझे धरती पर भेजने पर तुले हो ?नारद जी बोले प्रभु आप तो अंतर्यामी है आप धरती की दुर्दशा से कैसे अनजान रह सकते हो.आपने इतनी सुंदर दुनिया बनाई,उससे भी खास इंसान बनाये ताकि वो एक अच्छा जीवन जीने के साथ साथ इस दुनिया में भक्ति के साथ मुक्ति की राह बनाये.लेकिन ये इंसान तो इस हद तक गिर गया है की भक्ति के बजाय भोग विलास में मुक्ति ढूंढ़ रहा है.ये सुनकर भगवन बोले हे नारद मै खुद भी हैरान हु आखिर ऐसा क्यों हो रहा है ? नारद जी बोले प्रभु क्यों ना हम धरती पर जाकर इस बात का पता लगाये.फिर क्या था विष्णु जी और नारद जी धरती पर प्रगट हो गए.
सबसे पहले विष्णु जी और नारद जी धरती के स्वर्ग कश्मीर पहुंचे तो वह देखा की सेना और आतंकवादियों में मुठभेड़ चल रही थी.नारद जी,विष्णु जी के साथ वही लाइव न्यूज़ दे रहे पत्रकार के पास पहुंचे और पूछा की ये लोग इस तरह क्यों लड़ रहे है ?इस प्रश्न को सुनकर पत्रकार चिड़ते हुए बोला किस गाँव से आये हो आप?आतंकवादी और पुलिस में फर्क नहीं जानते ?ये सुनकर नारद जी बोले भाई इतना गुस्सा किसलिए,मै तो सिर्फ इस लड़ाई का कारण जानना चाहता हु.पत्रकार को दया आ गई और बोला देखो भाई ये आतंकवादी है और चाहते है की कश्मीर को पकिस्तान में मिला दिया जाये.इसीलिए ये लोग भारत में घुसकर खून खराबा कर रहे है.ये सुनकर नारद जी बोले ये पकिस्तान कौन सी जगह है,जहा तक मुझे जानकारी है यह पूरा क्षेत्र तो भारत की वो पावन भूमि है जिस पर देवी देवताओ के अवतार हुए है.ये सुन पत्रकार बोला ये किस ज़माने की किस युग की बाते कर रहे हो आप यहाँ अब कोई भगवान् नहीं सिर्फ रोज नए शैतान जन्म लेते है.एक समय ऐसा था जब इस क्षेत्र को धरती का स्वर्ग कहा जाता था,लेकिन आज के हालत में ये नर्क से भी बढ़कर हो गया है.ये सुनकर विचलित हुए नारद जी ने पूछा भाई आखिर इस समस्या को कोई सुलझाता क्यों नहीं है ?कौन सुलझाएगा ?पत्रकार ने आवेश में आकर कहा जिन लोगो को सुलझाना चाहिए वो सिर्फ इस मुद्दे का इस्तेमाल अपनी राजनीति और कुर्सी को हासिल करने के लिए कर रहे है.लेकिन ये कोई नहीं देख रहा की यहाँ हरदिन कितने मासूम लोग बेमौत मारे जा रहे है. ये कोई नहीं देखता की यहाँ लडकियों पर कितनी बंदिशे है,उनके साथ किस तरह खिलवाड़ किया जा रहा है.ये कोई नहीं सुनता की यहाँ आम इंसान हर पल खौफ के साये में जी रहा है.हमारे रिश्तेदार दुसरे गांवो से यहाँ आने के लिए डरते है.यहाँ ऐसे लोग खुले आम घूम रहे है,जो अपने ही देश के खिलाफ दुश्मन की भाषा बोलते है. ये सारी बाते सुनकर विष्णु जी बोले-जब अपने ही परायो की भाषा बोले और अपनी जन्मभूमि को ही धोखा दे तो उसे दंड देना आवश्यक है.मासूमो की हत्या करने के लिए जो इन आतंकवादियों को भेज रहा है उस जड़ को ही समय रहते काट देना मानव धर्म होगा.यही राजा का कर्तव्य है और यही राज धर्म है.हर दिन के डर का एक ही हल है और वो है युद्धनीति और इसके लिए किसी तीसरे पक्ष की राय लेना और उसके दबाव में रहना राजा को शोभा नहीं देता.
ये सुनकर पत्रकार बोला आप कोई बुद्धिजीवी लगते हो,लेकिन यहाँ राजा एक नहीं है.हर कोई खुद को राजा समझता है और सत्ता की कुर्सी के लिए नित नए ढोंग किये जाते है.यहाँ सरकार चलाने के लिए, देश की उन्नति के लिए कोई काम नहीं करता बल्कि स्वय की उन्नति किस तरह की जाती है.इस पर जी जान से काम किया जाता है.अगर आपको ये देखना है तो एक बार देश की राजधानी दिल्ली चले जाईये. यह सुनकर नारद जी बोले धन्यवाद भाई,आपने हमें इतनी जानकारी दी.कहते हुए नारद जी,विष्णु जी के साथ दिल्ली के लिए निकल पड़े.नारद जी ने कहा प्रभु भारत की प्रजा का हाल तो देख लिया,अब देखते है राजा क्या कर रहा है………………..बाकि अगले भाग में……जय हिंद

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