Menu
blogid : 368 postid : 42

इस हमाम में सब नंगे है

हम हिन्दुस्तानी
हम हिन्दुस्तानी
  • 44 Posts
  • 110 Comments

यह लेख नए शीर्षक के साथ इसलिए पेश कर रहा हु की इसे कई लोग पढ़ नहीं पाए..मेरे यह सवाल समाज के हर वर्ग और हर इन्सान से है.क्या आपने अब तक की जिन्दगी में कोई बेईमानी नहीं की ?क्या आपने कभी अपने किसी कार्य को आसानी से पूरा करने के लिए झूठ नहीं बोला ?क्या आपको निंदा सुनने से ज्यादा करने में मजा नहीं आता ?क्या हम कुरीतियों और बुरी लगनेवाली बातो के लिए समाज और नेताओ को दोष देकर अपने हाथ नहीं झटकते ?क्या हम रिश्वत देकर अपना काम नहीं करवाते ?ऐसे कई सवाल है जो अपने आप से हम पूछेंगे तो कही ना कही पारिवारिक,सामाजिक,राजनितिक,व्यापारिक या अन्य किसी क्षेत्र में खुद को भ्रष्ट जरुर पाएंगे.हाल ही में श्रीमान रतन टाटा ने यह कह दिया की उनका कोई कार्य करने के लिए किसी मंत्री ने उनसे रिश्वत मांगी.लेकिन वे उसका नाम क्यों सार्वजनिक नहीं करते ?क्यों इन्होने यह बात इतने लम्बे समय के बाद बताई ?क्या वे कभी किसी राजनितिक पार्टी को चंदा नहीं देते ?क्या यह भी तो अपनी मर्जी से दी जानेवाली रिश्वत नहीं है ?क्या उद्योग घराने अपने बड़े काम करने के लिए कभी रिश्वत नहीं देते ?चुनाव के समय क्या करोडो में राजनितिक दलों को चंदा नहीं दिया जाता ?इसी तरह कई लोग सरकारी कामो को पूरा करने के लिए क्या रिश्वत नहीं देते ?पाठशालाओ और शिक्षण संस्थाओ में डोनेशन लेना गैरक़ानूनी होने के बावजूद क्या हम डोनेशन नहीं देते ? लेकिन क्या कभी किसी भिखारी को १ रुपये के बजाय १० रुपये देना बेहतर समझते है ?राजनीति को गन्दा कहते है,मगर क्या उस गंदगी को दूर करने खुद राजनीती में उतरने की हिम्मत रखते है ?हम सब सिर्फ एक काम बड़े ही अच्छे तरीके से करते है और वो है निंदा करना.
ज्यादातर हमें पता होता है की कौन से नेता ने कितने अच्छे या बुरे काम किये है,फिर भी क्या हम उसे वोट नहीं डालते ?ऐसा कोई नेता है जो बिना पैसा खर्च किये चुना जाता है ?करोडो की संपत्ति होने के बावजूद चुनावी हलफनामे में क्या इसे दिखाने की कोई हिम्मत करता है ?क्या शहरो में रहनेवाले जिम्मेदारी से वोट डालते है ?पढाई हो गई,नौकरी मिल गई तो अपनी जिम्मेदारी पूरी समझनेवाले शहरी क्या कभी देश के लिए कुछ करने की सोचते है ?क्या वो ये नहीं कहते की देश ने हमें क्या दिया है ?लेकिन कभी ये सोचा की हमने इस देश के लिए क्या किया है ?इन सवालो के जवाब देने के बजाय इसे पूछनेवाले की निंदा जरुर करेंगे की भ्रष्ट समझना ही है तो खुद को समझो हमें कहने का अधिकार किसने दिया है.जहा तक मेरी बात है की मैंने इस देश के लिए क्या किया है तो मै ये बता दू की एक पत्रकार के रूप में मेरे पास आनेवाले हर व्यक्ति की यथासंभव मदत करने की कोशिश जरुर करता हु.लेकिन साथ ही ये भी बता दू की मै जिस पत्रकारिता क्षेत्र में हु वह भी काफी हद तक प्रदूषित होते जा रही है.चैनल और अख़बार समाज को सुधारनेवाले हथियार बनने की बजाय पैसा कमानेवाले व्यापारिक प्रतिष्ठान बनते जा रहे है.इसे अकेले मै नहीं बदल सकता.हरेक को अपनी सामाजिक जिम्मेदारी समझनी होगी.खासकर हमारे गाँव के सामाजिक आर्थिक हालत बदलने होंगे.गरीबी उन्हें सुधारने के बजाय बिगड़ने को मजबूर कर रही है.कई गांवो में चुनाव के समय एक बोतल शराब और ५०० से लेकर एक हजार में एक वोट आसानी से ख़रीदा जाता है.यहाँ तक की पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तक नोटों से अपनी आँखे ढक लेते है. ऐसे में चुनकर आनेवाले नेता जितना खर्च करते है उससे कई गुना पाने और अपनी पूरी पीढियों का उद्धार करने के लिए चारो हातो से लुटने लग जाते है हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को इसलिए बदला गया क्योंकि उन्होंने अपने जाननेवालो को फ़्लैट दिलाये.मुझे कोई ऐसे एक नेता का नाम बता दे जिन्होंने विधायक या मंत्री बनने के बाद अपने परिचितों को फायदा नहीं पहुँचाया.इसीके परिणाम स्वरुप तो आये दिन एक नया घोटाला सामने आता है.लेकिन कारवाई ऐसे होती है की और नए घोटालो के लिए प्रोत्साहन मिले.ऐसे नेताओ को चुनता कौन है.हम ही ना.भ्रष्टाचारी को चुननेवाला और उसे समाज में आगे बढ़ने से रोकने में विफल कौन है ?हम ही ना.समाज और देश में होनेवाली हर बुराई और अव्यवस्था के लिए कही ना कही क्या हम जिम्मेदार नहीं है.जिस जन्मभूमि पर हम जी रहे है उसके प्रति क्या हमारा कोई भी कर्तव्य नहीं है ?सिर्फ कोसने से ही हमारी जिम्मेदारी पूरी नहीं होती.मेरा यही मानना है की व्यक्ति बदलेगा तो घर बदलेगा और घर बदलेगा तो समाज बदलेगा.जब समाज बदल जायेगा तो देश को बदलने में या सुधरने में देर नहीं लगेगी. हम हिन्दुस्तानी यह प्रण लेले की हम अपने स्तर उस इंसान की मदत जरुर करेंगे जो निसहाय हो. जय हिंद .

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh